Workshops

कार्यशाला

अभिकल्प नवप्रवर्तन केन्द्र काशी हिन्दू विश्विद्यालय सम्बन्धित विषयों पर आधारित 7 से 15 दिन की कार्यशाला प्रत्येक संस्थान/संकाय के सहयोग से प्रत्येक सेमेस्टर (ग्रीष्म कालीन व शीत कालीन अवकाश) में कराने की योजना के तहत कार्यशालाओं का आयोजन करता है।

हमारा मुख्य उद्देश्य एक ऐसी इनोवेटिव और प्रायोगिक कार्यशाला कराना है जो हमें प्रोटोटाइप, बिजनेस माॅडल, उद्यमिता और समस्याओं का इनोवेटिव समाधान प्रदान कर सकें। प्रतिभागियों की संख्या अधिकतम 35 हो सकती है जो सम्बन्धित संकाय/संस्थान से या बी.एच.यू. के किसी अन्य विभाग, संकाय आदि से हो सकते है।

हम आपको अपने प्राध्यापक साथियों एवं विद्यार्थियों के साथ किसी सुविधाजनक समय पर DIC BHU को देखने एवं हमारे कार्यो को समझने के लिए सादर आमंत्रित करते है। आप हमारी वेबसाइट www.diciitbhu.com पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अब तक हुए समस्त कार्यशाला की जानकारी के  लिए यहां क्लिक करे 

  • BHU
  • BHU-IIT
  • MNNIT
  • 2017
  • 2018

अभिकल्प नवप्रवर्तन केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक छात्र एवं छात्राओं के बीच अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की परिकल्पनाओं को एक उचित मंच देने के प्रयासों के तहत इस शीतकालीन कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में आप सभी हिन्दी साहित्य में निहित नवीन प्रयोगों एवं उन प्रयोगों पर आधारित परिभाषाओं से अवगत होगें, जोकि आपको हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकारों एवं शिक्षकों द्वारा बताई जायेगी।इस कार्यशाला के दौरान हम सब यह समझने का प्रयास करगें कि मानविकी के इस अतिमहत्वपूर्ण विषय में कैसे अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की परिकल्पनाएँ संकल्पित हो सकती हैं जिससे यह सिर्फ एक साहित्य ही न रहे बल्कि इसके द्वारा सामाजोपयोगी, वैचारिक, मानसिक, सात्विक एवं मानव प्रजाति को एक सुनियोजित और निरन्तर सकारात्मक भविष्य मिले,

उदाहरण स्वरूप-

  • 1. समसमायिक सामाजिक समस्याओं पर कहानी, कविता, रचनात्मक लेख इत्यादि के माध्यम से वास्तविक चित्रण को प्रेरणादायी स्वरूप में प्रस्तुत करना।
  • 2. गीतों और लोकगीतों में प्रेरक प्रसंगों कों सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करना।
  • 3. हिन्दी माध्यम मे अत्याधुनिक तकनीक (Digital Media) के समन्वय से नई विधाओं की खोज एवं उन्हें उपयोगी बनाना।
  • 4. जन सामान्य को प्रभावी सम्प्रेषणीय संदेश विज्ञापन, फिल्म या अन्य कार्यक्रमों द्वारा शिक्षित व प्रेरित करना।
  • 5. शब्दों मे नवोन्मष जो हिन्दी भाषा को समृद्ध तथा प्रभावी सम्प्रेषण में मदद करें।

इस कार्यशाला में आपको अपने विषय में अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन के विभिन्न अवसरों एवं सम्भावनाओं से अवगत कराया जायेगा और हम आप सभी प्रतिभागियों से यह अपेक्षा करते हैं कि आप अपने आस-पास या समाज में स्थित किसी भी तरह की समस्या को हिन्दी साहित्य में उपलब्ध अभिकल्प एवं नवपव्रर्तन की सम्भावनाओं के साथ एक प्रस्ताव (प्रोजेक्ट) के साथ पुनः हमसे जुड़गें (एकल एवं सामूहिक) जिससे हम अपनी वैचारिक भागीदारी से एक बेहतर समाज एवं एक नए भारत का निर्माण कर सकते हैं ।

अभिकल्प नवप्रवर्तन केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक छात्र एवं छात्राओं के बीच अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की परिकल्पनाओं को एक उचित मंच देने के प्रयासों के तहत इस शीतकालीन कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में आप सभी हमारे आस पास स्थित विभिन्न तरीकों के अनुपायोगी सामानों (वस्त्रों)के द्वारा व्यावहारिक रूप से उनकी उपयोगिता को प्रयोगो के आधार पर व्यावहारिकता में लायेंगे। इस कार्यशाला के दौरान हम सब यह समझने का प्रयास करेगें कि कैसे विभिन्न तरीके की वस्तुओं को उपयोगी बनाया जाय और उससे जीवकोपार्जन एवं रोजगार की नई सम्भावनाओं की खोज भी हो तथा यह हमारे सामाजिक ताने बाने को और सुदृढ़ करें

उदाहरण स्वरूप-

  • 1. समसमायिक सामाजिक समस्याओं को वस्त्र कला के माध्यम से दूर करना प्रस्तुत करना।
  • 2. रंगो के द्वारा विभिन्न प्रकार के नवीन एवं उपयोगी वस्तुओं का प्रदर्शन।
  • 3. अत्याधुनिक तकनीक (Digital Media) के समन्वय से नई विधाओं की खोज एवं उन्हें उपयोगी बनाना।
  • 4. जन सामान्य को प्रभावी एवं सम्प्रेषणीय संदेश इन कार्यो द्वारा प्रदान करना।

इस कार्यशाला में आपको अपने विषय में अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन के विभिन्न अवसरों एवं सम्भावनाओं से अवगत कराया जायेगा और हम आप सभी प्रतिभागियों से यह अपेक्षा करते हैं कि आप अपने आस-पास या समाज में स्थित किसी भी तरह की समस्यों को वस्त्र कला में उपलब्ध अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की सम्भावनाओं के साथ एक प्रस्ताव (प्रोजेक्ट) के साथ पुनः हमसे जुड़गे (एकल एवं सामूहिक) जिससे हम अपनी वैचारिक भागीदारी से एक बेहतर समाज एवं एक नए भारत का निर्माण कर सकते हैं।

अभिकल्प नवप्रवर्तन केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक छात्र एवं छात्राओं के बीच अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की परिकल्पनाओं को एक उचित मंच देने के प्रयासों के तहत इस शीतकालीन कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में आप सभी प्रतिभागीयों को मास कम्युनिकेशन के विभिन्न विषयों में प्रमुख विषयों जैसे लेखन, प्रस्तुतिकरण, फोटोग्राफी, सम्पादन, एडिटिंग इत्यादि विषयों में हो रहे नवीन एवं नवप्रवर्तन प्रयोगों की जानकारी शिक्षाविदों, प्रोफेशनल्स जो कि मास कम्युनिकेशन के विभिन्न विषयों पर ज्ञाता है उनके द्वारा प्रदान कराई जाएगी।

उदाहरण स्वरूप-

  • 1. समसमायिक विषयों पर सम्प्रेषण की नई विधाओं द्वारा प्रस्तुतिकरण देना।
  • 2. सम्प्रेषण विषय के विभिन्न तरह के प्रयोगों का प्रदर्शन।
  • 3. अत्याधुनिक तकनीक (Digital Media) के समन्वय से इन विधाओं को जनोपयोगी बनाना।
  • 4. जन सामान्य को प्रभावी एवं सम्प्रेषणीय संदेश इन कार्यो द्वारा प्रदान करना।

इस कार्यशाला में आपको अपने विषय में अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन के विभिन्न अवसरों एवं सम्भावनाओं से अवगत कराया जायेगा और हम आप सभी प्रतिभागियों से यह अपेक्षा करते हैं कि आप इन विषयों में उपलब्ध अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की सम्भावनाओं के साथ एक प्रस्ताव (प्रोजेक्ट) के साथ पुनः हमसे जुड़ेगें (एकल एवं सामूहिक) जिससे हम अपनी वैचारिक भागीदारी से एक बेहतर समाज एवं एक नए भारत का निर्माण कर सकते हैं।

अभिकल्प नवप्रवर्तन केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक छात्र एवं छात्राओं के बीच अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की परिकल्पनाओं को एक उचित मंच देने के प्रयासों के तहत इस शीतकालीन कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में आप सभी प्रतिभागी संगीत, नृत्य एवं थिएटर विषयों के सम्बन्ध में नवीन प्रयोगो और उन प्रयोगो पर आधारित कार्यो का अभ्यास करेंगे। जिससे इन विषयों एवं इन विषयों के अन्तर्गत निहित विभिन्न विधाओं जोकि कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित है उनको भी समझने का प्रयास करेंगे।

उदाहरण स्वरूप-

  • 1. समसमायिक नृत्य, संगीत एवं थिएटर कला में निहित नवप्रवर्तन की सम्भावनाएँ
  • 2. विभिन्न तरह के प्रयोगों का प्रदर्शन
  • 3. अत्याधुनिक तकनीक (Digital Media) के समन्वय से इन विधाओं को जनोपयोगी बनाना
  • 4. जन सामान्य को प्रभावी एवं सम्प्रेषणीय संदेश इन कार्यो द्वारा प्रदान करना।

इस कार्यशाला में आपको अपने विषय में अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन के विभिन्न अवसरों एवं सम्भावनाओं से अवगत कराया जायेगा और हम आप सभी प्रतिभागियों से यह अपेक्षा करते हैं कि आप इन विषयों में उपलब्ध अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की सम्भावनाओं के साथ एक प्रस्ताव (प्रोजेक्ट) के साथ पुनः हमसे जुड़ेगें (एकल एवं सामूहिक) जिससे हम अपनी वैचारिक भागीदारी से एक बेहतर समाज एवं एक नए भारत का निर्माण कर सकते हैं।

अभिकल्प नवप्रवर्तन केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक छात्र एवं छात्राओं के बीच अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की परिकल्पनाओं को एक उचित मंच देने के प्रयासों के तहत इस शीतकालीन कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस सात दिवसीय कार्यशाला में प्रोडक्ट एवं पैकेजिंग डिजाइन के एक सशक्त पहलु अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन पर विस्तृत चर्चा तथा प्रयोग आधारित कार्य किये जायेंगे। जिसके तहत एक प्रोडक्ट को बनाते समय उसमें अन्र्तनिहित अभिकल्प की सम्भावनाएँ तथा उसके उपरान्त पैकेजिंग के समय उसमें निहित नवप्रर्तनीय पहलूओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

उदाहरण स्वरूप-

  • 1. वर्तमान समय के अनुसार प्रोडक्ट एवं पैकेजिंग की डिजाइन की चुनौतियाँ।
  • 2. डिजाइन एलिमेन्ट्स के द्वारा विभिन्न प्रकार के नवीन एवं उपयोगी डिजाइनों का प्रदर्शन।
  • 3. अत्याधुनिक तकनीक (Digital Media) के समन्वय से प्रोडक्ट एवं पैकेजिंग डिजाइन के नई विधाओं की खोज एवं उन्हें उपयोगी बनाना।
  • 4. जन सामान्य को प्रभावी एवं सम्प्रेषणीय संदेश इन कार्यो द्वारा प्रदान करना।

इस कार्यशाला में आपको अपने विषय में अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन के विभिन्न अवसरों एवं सम्भावनाओं से अवगत कराया जायेगा और हम आप सभी प्रतिभागियों से यह अपेक्षा करते हैं कि आप अपने आस-पास या समाज में स्थित किसी भी तरह की समस्यों को वस्त्र कला में उपलब्ध अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की सम्भावनाओं के साथ एक प्रस्ताव (प्रोजेक्ट) के साथ पुनः हमसे जुड़ेगें (एकल एवं सामूहिक) जिससे हम अपनी वैचारिक भागीदारी से एक बेहतर समाज एवं एक नए भारत का निर्माण कर सकते हैं।

Mentor for the workshop Mr. Kushal Jadhav, Industrial Design, Mr. Abhijit Bhoge, Automotive design, Ajeenkya, DY Patil University, Pune & Prof. Manohar Desai, Head, Communication Design, Symbiosis Institute of Design, Pune.

Theme and Plan- Industrial and Communication Design

  • 1. Introduction to Design, Design thinking, Design methodologies and processes and case studies.
  • 2. Case studies of innovative projects and their impact on society and environment.
  • 3. Grouping and discussion on topics.
  • 4. Research and Analysis.
  • 5. Ideation and Concept Generation.
  • 6. Concept Finalisation and Detailing.
  • 7. Mock-ups and Experimentation.
  • 8. Prototype and Presentation.
  • 9. Validation.

Mentor for the workshop faculty members of BHU from Psychology, Social Science, Science, Management, Visual and Performing Arts and some from Varanasi.

Theme and Plan- Redesign Game and Play Therapy

  • 1. Interactive session with children regarding innovative games (redesign games)
  • 2. Analysis of daily problems related with design.
  • 3. Play Therapy
  • 4. Motivational Lecture
  • 5. Role of Design and Innovation in Personality development
  • 6. Generating ideas for problem solving.
  • 7. Implementation of Ideas in prototype form.
  • 8. Evaluation of prototype.

Already conduct orientation programme for the participation from 3 to 4 school of Varanasi.

Mentor for the workshop Prof. Dinesh Korjan & Prof. Rashmi Korjan from Korjan studio, Ahmadabad.

Theme and Plan- Innovative Social Issues

  • 1. Introduction to Design, Design thinking, Design methodologies and processes and case studies.
  • 2. Case studies of innovative projects and their impact on society and environment.
  • 3. Grouping and discussion on topics.
  • 4. Research and Analysis.
  • 5. Ideation and Concept Generation.
  • 6. Concept Finalisation and Detailing.
  • 7. Mock-ups and Experimentation.
  • 8. Prototype and Presentation.
  • 9. Validation.

Mentor for the workshop of Prof. Dinesh Korjan & Prof. Rashmi Korjan from Korjan studio, Ahmadabad.

Theme and Plan-

  • 1. Introduction to Design, Design thinking, Design methodologies and processes and case studies.
  • 2. Case studies of innovative projects and their impact on society and environment.
  • 3. Grouping and discussion on topics.
  • 4. Research and Analysis.
  • 5. Ideation and Concept Generation.
  • 6. Concept Finalisation and Detailing.
  • 7. Mock-ups and Experimentation.
  • 8. Prototype and Presentation.
  • 9. Validation.

2018 Report Coming Soon

  • 2017
  • 2018

Report Coming Soon

MNNIT Workshop