Agriculture

भारत कृषि प्रधान देश है फिर भी हमारी कृषि तकनीकी रूप से उतनी उन्नत नहीं है और आज भी हमारे किसान परम्परागत कृषि में विश्वास करते है जबकि कृषि विज्ञान के क्षेत्र में कई नवीन खोजें हो चुकी है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी भी है। इन शोधो की सूचना या जानकारी के अभाव में किसान परम्परागत खेती पर निर्भर है इसी वजह से आज गाँव का किसान मिट्टी परीक्षण, खाद, उत्पादन सम्बन्धी फसल की बीमारी आदि का नियन्त्रण ठीक से नहीं कर पाता है। सरकार की योजनाएँ जैसे फसल बीमा योजना, आपदा के कारण फसल बर्बादी इत्यादि पर मुआवजे की वाजिफ राशि से वह पूरी तरह अनभिज्ञ होता है जिसका लाभ किसी और को मिलता है इसको दूर करने के लिए यदि हम नये विचारों के साथ सम्बन्धित सामाजिक वर्ग तक अपनी बातों एवं कार्यो को पहुँचाने का प्रयास करें तो किसान के जीवन स्तर एवं फसल के बेहतरी में सार्थक कार्य हो सकते हैं।

इसके के लिए हम मोबाइल ऐप, विडियो या कोई व्यावहारिक वेब पोर्टल बनाने का प्रयास करें जहाँ किसानों (जो कि अक्सर अशिक्षित होते हैं) को कृषि से सम्बन्धित सही जानकारी मिल सके या क्या हम कोई नई सिचांई प्रणाली या कृषि व्यवस्था का विकास कर सकतें है जहाँ खाद्य संरक्षण से सम्बन्धित समस्याओं का समाधन हो सकें या हम क्या कोई ऐसी प्रणाली लाएँ कि रासायनिक खादों का उपयोग कम होकर जैविक खाद का प्रयोग हो और स्वास्थ्य वर्द्धक खादों का उत्पादन हो सके या हम बीज वितरण के समय ही आडियों-विडियो प्रारूप आदि के माध्यम से उस बीज की बीमारी उर्वरक, मिट्टी परीक्षण कृषि प्रक्रिया, समस्या, समाधान तथा उत्पादन होने के बाद उचित मार्केट तक पहुँच आदि जानकारी से अवगत कराकर किसानों की मदद कर सकते हंै। इस तरह के प्रश्नों के उत्तर यदि हम नये तरीेकों व विचारों से खोजने का कार्य करें तो किसानों के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को काफी लाभ प्राप्त हो सकता है और सम्बन्धित लोगों का जीवन भी सरल और समृद्ध हो सकता है।

कृषि विषय पर आज की जो भी समस्याएँ है उन पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के किसी भी छात्र, कर्मचारी, शिक्षक आदि से बहुआयामी सुझावों सहित समस्याओं का समाधान करने की अनूठी पहल के लिए डिजाइन इनोवेशन सेन्टर प्रोजेक्ट आमन्त्रित करता है। इसके साथ ही साथ उपरोक्त समस्याओं को समाधान करने के लिए किसी एक व्यक्ति के सक्षम न हो पाने पर एक पूरी टीम बनाने के लिए सुझाव तथा अन्य रूप से भी मदद एवं यदि वह विचार अच्छा है और सम्बन्धित कृषि समस्या के लिए विशेषज्ञ की जरूरत है तो वह भी उपलब्ध कराने में इस केन्द्र से मदद मिलेगी।

डिजाइन इनोवेशन सेन्टर का ध्येय है कि किसी भी प्रकार की कृषि सम्बन्धित समस्या के समाधान एवं नयी तकनीक के विकास के लिए एक पूरी टीम की तरह कार्य किया जायें। यद्यपि हम इसके विशेषज्ञ नहीं है फिर भी हम अपने इनोवेटिव विचारों से अपनी सशक्त भागीदारी समाज को और बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। डिजाइन इनोवेशन सेन्टर इस प्रकार के प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक, व्यावहारिक एवं अकादमिक सहयोग देगा प्रोजेक्ट बनाने का उद्देश्य इस स्तर का होना चाहिए कि इसे इण्डस्ट्री तक ले जाया जा सके एवं पेटेन्ट भी कराया जा सके।

कृपया इस विषय पर प्रोजेक्ट जमा करने के लिए DIC वेबसाइट के FAQ काॅलम पर क्लिक करें एवं सैम्पल प्राजेक्ट के आधार पर आनलाइन फार्म भरें। इन प्रोजेक्टस को आप पूरे वार्षिक सत्र के दौरान कभी भी जमा कर सकते है। प्रत्येक माह के अन्तिम सप्ताह में जमा हुए प्रोजेक्टस पर निर्णय लिया जाता है।