Art & Culture

कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अभिकल्प एवं नवप्रवर्तन की सम्भावनाएं

कला और संस्कृति वस्तुतः मनुष्य के जीवन में सौन्दर्य, शान्ति एवं मानसिक सन्ताप से मुक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम अति प्राचीन काल से रहा हैं। इसी कारण मानवीय सभ्यता के शुरूआती चरण (प्रागैतिहासिक काल) में उपरोक्त कारणों की प्रतिपूर्ति के लिए गुहाचित्रों के माध्यम से उसने अपने आप को व्यक्त किया है जो आज भी अनवरत चालू है। वर्तमान में कला-संस्कृति की भूमिका और अधिक भी महत्वपूर्ण है जिसका प्रयोग हम मानसिक शोधन में कर सकते हैं जैसे मानसिक उन्माद के वक्त विभिन्न रंगों से कैनवास पर अपना उन्माद व्यक्त करना, इंस्टालेशन बनाना, किसी चित्र की गहराई में झाँकना, संगीत में अपनी अशांति को शान्त करने का साथी ढूढ़ना या ऐसा पोर्टल जहाँ अपने सारे असहमतियों को व्यक्त करना, किसी भी ढ़ंग से तो, कला निश्चित रूप से सभी के लिए एक चिकित्सीय उपचार और सौंदर्य बोध का साधन बन सकती है।

उदाहरण के लिए यदि आप एक ऐसे घर में प्रवेश कर जाये जहाँ की दीवारों के रंग, सजावट पेंटिग आदि कुछ बोलें या आप एक ऐसे पब्लिक आफिस में जाकर वहाँ की कला और संस्कृति की प्रस्तुति से अपने कार्य के बोझ या मानसिक हलचल को कुछ देर भूलकर मानसिक हलचल, शान्ति, प्रेरणा, आदि का अनुभव करें तो आप ऐसे स्थानों पर बार-बार जाना चाहेंगे अर्थात कला हमारे जीवन की महति आवश्यकता है जहाँ वह व्यक्ति का एक ओर मनोरंजन करती है तो दूसरी ओर उसे सौन्दर्यवान और जीवन जीने की ललक प्रदान करती है। इससे यह लगता है कि कला हमारे जीवन की आवश्यकता है। जिस प्रकार विज्ञान प्रौद्योगिकी तथा अन्य विषय हमें वाह्य आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए साधन उपलब्ध कराकर हमें सन्तुष्ट करते हैं उसी प्रकार कला और संस्कृति हमारी आध्यात्मिक और मानसिक आवश्यकता है।

क्या हम आज के समाज की विभिन्न समस्याओं जैसे भ्रष्टाचार, नारी सशक्तिकरण, नैतिक पतन आदि को कला और संस्कृति सम्बधित उपायों जैसे इनोवेटिव तरीके से हल कर सकते हैं?  उदाहरणतया- लोगो को यह बताकर, की सारा आनन्द एकत्र करने में नहीं बल्कि प्राकृतिक एवं मानवीय सम्बन्धों के सौन्दर्य और बोध में है, और जब कोई संगीत, कला, साहित्य आदि में तल्लीन होकर उस आनन्द को अनुभव करेगा इससे निश्चित ही कुछ प्रतिशत लोगों का मस्तिष्क परिवर्तित हो सकता है। जो एक ओर सामाजिक समरसता एवं व्यक्तिगत जीवन को सौन्दर्य पूर्ण बना सकती है तो दूसरी ओर भौतिकता से शान्ति की ओर जाकर सकारात्मकता का वातावरण पैदा कर सकती है, जो किसी समाज व देश के विकास की सबसे बड़ी आवश्यकता होती है। हमारा उद्देश्य कला और संस्कृति, रसानुभूति के साथ आज की विभिन्न समस्याओं के इनोवेटिव समाधान के द्वारा समाज को सकारात्मक योगदान देना हो सकता है।
इस सम्बन्ध में जो भी समस्याएँ है उन पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के किसी भी छात्र, कर्मचारी, शिक्षक आदि से बहुआयामी सुझावों सहित समस्याओं का समाधान करने की अनूठी पहल के लिए डिजाइन इनोवेशन सेन्टर प्रोजेक्ट आमन्त्रित करता है। इसके साथ ही साथ उपरोक्त समस्याओं को समाधान करने के लिए किसी एक व्यक्ति के सक्षम न हो पाने पर एक पूरी टीम बनाने के लिए सुझाव तथा अन्य रूप से भी मदद एवं यदि वह विचार अच्छा है और सम्बन्धित समस्या के लिए विशेषज्ञ की जरूरत है तो वह भी उपलब्ध कराने में इस केन्द्र से मदद मिलेगी।

कृपया इस विषय पर प्रोजेक्ट जमा करने के लिए आप www.diciitbhu.com के FAQ काॅलम पर क्लिक करें एवं सैम्पल प्राजेक्ट के आधार पर आनलाइन फार्म भरें। इन प्रोजेक्टस को आप पूरे वार्षिक सत्र के दौरान कभी भी जमा कर सकते है।